झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद अब दूसरे विपक्षी नेताओं पर खतरे की घंटी लटक रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. हेमंत सोरेन को ईडी ने 10 समन भेजे और उसके बाद गिरफ्तार किया. इस हिसाब से देखा जाए तो अरविंद केजरीवाल अभी आधे रास्ते पर हैं, क्योंकि अभी तक ईडी ने उन्हें 5 बार समन भेजा है.
ये विपक्षी नेता हैं ED की हिट लिस्ट में-
- दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी
- केरल के मुख्यमंत्री पी.विजयन
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी
- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी
- बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव
- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा
- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार
- यूपी की पू्र्व मुख्यमंत्री मायावती
- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
- राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
- राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट
- कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम
- गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शकर सिंह वाघेला
बीजेपी नेताओं की नहीं होती जांच
ऊपर बताए गए सभी नेता विपक्ष के हैं, जिनके पीछे ईडी हाथ धोकर पड़ी हुई है. इसमें बीजेपी का एक भी नेता नहीं है. तो क्या इसका ये मतलब है कि बीजेपी के नेता दूध के धुले हैं और कोई घोटाला नहीं करते? इसका तो यही मतलब निकलता है कि ईडी भी पक्षपात कर रही है.
ED ने 95 फीसदी विपक्षी नेताओं को बनाया निशाना
सितंबर 2022 में इंडियन एक्सप्रेस ने ईडी के दर्ज किए केसों पर एक रिपोर्ट की थी. रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से कुल 121 प्रमुख राजनेता ईडी की जांच के दायरे में हैं. जिन राजनेताओं पर ईडी ने मामला दर्ज किया, छापे मारे, पूछताछ की या गिरफ्तार किया, उनमें से 115 विपक्षी नेता हैं. यानी आसान शब्दों में समझें तो 2014 से 2022 तक ईडी के निशाने पर रहे करीब 95 फीसदी यानी 115 नेता विपक्ष से थे.
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