Ramlala Surya-Tilak: रामनवमी के मौके पर अयोध्य में रामलला का दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा हुए. प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार आज रामलला का सूर्य तिलक हुआ. दोपहर 12 बजे रामलला की मूर्ति के माथे पर सूर्य की किरण से अभिषेक किया गया. इस दौरान रामलला के मस्तक पर 3 मिनट तक सूर्य की नीली किरणें पड़ीं. इस मौके पर 10 भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम राम मंदिर में मौजूद थी.
आज के दिन हुए सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया. इसी के साथ रामलला सदन में राम जन्मोत्सव भी शुरु हो गया. इसके बाद पुजारियों ने मंदिर में आरती की और फिर कुछ समय के लिए रामलला का पट बंद कर दिया गया.
दर्पण और लेंस से बना उपकरण
वैज्ञानिकों ने दर्पण और लेंस का इस्तेमाल करके एक उपकरण तैयार किया था, जिससे सूर्य की रोशनी को रामलला की मूर्ति के माथे (Ramlala Surya-Tilak) पर सटीक रुप से स्थापित की गई. रूड़की के वैज्ञानिक और निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम के तहत इसे अंजाम दिया गया.
11.30 बजे तक होंगे रामलला के दर्शन
रामनवमी के मौके पर मंदिर सुबह जल्दी खुल गया. आम दिनों में राम मंदिर के कपाट 6.30 बजे खुलते हैं पर आज सुबह 3.30 बजे ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए. बता दें कि आज श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक रामलला के दर्शन कर सकेंगे.
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