One nation one election
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने आज यानी गुरुवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation One Election) पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. गुरुवार सुबह ही इस रिपोर्ट को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा गया है.
संशोधन की सिफारिश
18,626 पन्नों की इस रिपोर्ट में समिति ने देश में एकसाथ लोकसभा, विधानसभा चुनावों के लिए संविधान में संशोधन की सिफारिश की है. रिपोर्ट में पैनल ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि “समिति की सर्वसम्मत राय है कि एक साथ चुनाव कराए जाने चाहिए.” कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए राष्ट्रपति से संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश की है.
अभी तक अलग-अलग चुनाव के आयोजन होते हैं
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले चरण के रूप में, लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं. इसके बाद 100 दिन के अंदर दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं. मालूम हो कि भारत में जब मौजूदा सरकार का कार्यकाल खत्म हो जाता है या फिर किसी कारण से सरकार भंग हो जाती है तो संसद के सदस्यों के चुनाव के लिए लोकसभा चुनाव या फिर राज्य विधानसभा चुनावों का अलग-अलग आयोजन किया जाता है.
पीएम मोदी भी कर चुके हैं एक राष्ट्र, एक चुनाव की वकालत
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक राष्ट्र, एक चुनाव की वकालत कर चुके हैं. साल 2014 के लोक सभा चुनाव में यह बीजेपी के मेनिफेस्टो का भी हिस्सा था. कोविंद की अध्यक्षता वाले इस पैनल के अन्य सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे शामिल हैं.
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