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Budget Session 2024: आज से संसद का मानसून सत्र आज से संसद का बजट सत्र (Budget Session 2024) शुरू हो चुका है. इस दौरान संसद में एक बार फिर से विपक्ष ने पेपर लीक का मुद्दा उठाया. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “पूरे देश के सामने यह बात स्पष्ट है कि हमारी परीक्षा प्रणाली में बहुत गंभीर समस्या है। यह केवल NEET का सवाल नहीं है, बल्कि प्रमुख परीक्षाओं का सवाल है.”
लाखों छात्र इस बात से बेहद चिंतित
राहुल गांधी ने आगे कहा, “मुद्दा यह है कि देश में लाखों छात्र हैं जो इस बात से बेहद चिंतित हैं कि क्या हो रहा है और उनका मानना है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक धोखाधड़ी है. लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं और यही भावना विपक्ष की भी है. यही कारण है कि हम माननीय मंत्री से कुछ बहुत ही सरल प्रश्न पूछ रहे हैं। चूंकि यह एक प्रणालीगत मुद्दा है, इसलिए आप इस मुद्दे को प्रणालीगत स्तर पर ठीक करने के लिए वास्तव में क्या कर रहे हैं?”
राहुल गांधी के सवालों के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “मैं कुछ बातें रखना चाहता हूं. जिन्होंने रिमोट से सरकारें चलाई हैं. 2010 में कांग्रेस पार्टी के नेता रहे कपिल सिब्बल शिक्षा सुधार के लिए तीन बिल लाए थे. इसमें से एक बिल था- ‘प्रॉहिबिशन ऑफ अनफेयर प्रैक्टिस बिल, 2010’- जिसका मकसद एजुकेशन में धांधली को बंद करना था. हमारी सरकार ने अभी हाल ही में नकल को रोकने के लिए कानून बनाया है. कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष की क्या मजबूरी थी कि उन्होंने उस बिल को पास नहीं किया. क्या एजुकेशन माफिया के दबाव में ऐसा नहीं किया गया.”
शिक्षा मंत्री के बयान पर कांग्रेस पूछे सवाल
वहीं, संसद में शिक्षा मंत्री के दिए गए बयान पर कांग्रेस पार्टी ने उनसे तीखी सवाल किए हैं. पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए कहा, “क्या मंत्री परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करने और भविष्य में पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कार्यान्वित किए जा रहे मिशनों पर विशिष्ट विवरण प्रदान कर सकते हैं, जिसमें कोई तकनीकी प्रगति या अतिरिक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हैं?”
क्या मंत्री इन विफलताओं की जिम्मेदारी लेंगे
कांग्रेस ने आगे कहा, “7 वर्षों में 70 बार ऐसे मुद्दों की पुनरावृत्ति को देखते हुए, मंत्री प्रणाली में विश्वास सुनिश्चित करने की योजना कैसे बनाते हैं? 24 लाख छात्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव वाले परीक्षा प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन के मद्देनजर, क्या मंत्री इन विफलताओं के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं? स्थिति की गंभीरता, कार्यालय की जवाबदेही और अखंडता को देखते हुए, क्या मंत्री इस्तीफा देने पर विचार करेंगे?”
अखिलेश यादव ने की धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग
बता दें कि नीट पेपर लीक मुद्दे पर मानसून सत्र (Budget Session 2024) के दौरान लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। हंगामे के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने सोमवार को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा, “यह सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी. उन्होंने कहा, “कुछ केंद्र ऐसे हैं जहां 2,000 से अधिक छात्र पास हुए हैं. जब तक यह मंत्री (शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान) वहां हैं, छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा.”
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