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Congress on Hindenburg Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी घोटाले पर एक नया खुलासा किया है. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि सेबी अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति की अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया है. साथ ही इस पूरे मामले संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की. कांग्रेस ने कहा कि इस महाघोटाले की सही जांच सिर्फ JPC से हो सकती है, लेकिन मोदी सरकार JPC बनाने को तैयार नहीं है.
मोदी कब तक अडानी को बचाएंगे- Congress
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कांग्रेस (Congress) ने कहा, “अडानी महाघोटाले की जांच SEBI को दी गई. अब खबर है कि SEBI की चीफ माधवी बुच भी अडानी महाघोटाले में शामिल हैं. मतलब घोटाले की जांच करने वाला ही घोटाले में शामिल है. है ना कमाल की बात! साफ है- नरेंद्र मोदी ने जांच के नाम पर अपने ‘परम मित्र’ को बचाने की साजिश रची है.”
पार्टी (Congress) ने आगे कहा कि इस महाघोटाले की सही जांच सिर्फ JPC से हो सकती है, लेकिन मोदी सरकार JPC बनाने को तैयार नहीं है. लेकिन नरेंद्र मोदी कब तक अडानी को बचा पाएंगे, एक न एक दिन तो पकड़े जाएंगे.
JPC जांच जरूरी- कांग्रेस अध्यक्ष
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर कहा कि सेबी ने पहले जनवरी 2023 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पीएम मोदी के करीबी सहयोगी अडानी को मंजूरी दे दी थी. हालाँकि, सेबी प्रमुख से जुड़े बदले की भावना से जुड़े नए आरोप सामने आए हैं. मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशक जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में निवेश करते हैं, उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि वे सेबी में विश्वास करते हैं.
उन्होंने कहा कि इस बड़े घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच जरूरी है. तब तक, यह चिंता बनी रहेगी कि पीएम मोदी सात दशकों में कड़ी मेहनत से बनाई गई भारत की संवैधानिक संस्थाओं से समझौता करके अपने सहयोगी की रक्षा करना जारी रखेंगे.
क्या है हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में?
हिंडनबर्ग (Hindenburg Report) ने व्हिसलब्लोएर दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. बता दें कि समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंडों को नियंत्रित करते थे. हिंडनबर्ग का आरोप है कि इन फंडों का इस्तेमाल धन की हेराफेरी करने और ग्रुप के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया है.
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