Hindenburg Report

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Hindenburg Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी घोटाले पर एक नया खुलासा किया है. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि सेबी अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति की अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सेबी ने अडानी के मॉरीशल और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आशचर्यजनक रूप से कोई रूचि नहीं दिखाई है. बता दें कि अडानी घोटाले की जांच सेबी ही कर रही है. ऐसे में हिंडनबर्ग के ये आरोप और भी गंभीर हो जाते हैं.

व्हिसलब्लोएर दस्तावेजों का दिया हवाला

हिंडनबर्ग (Hindenburg Report) ने व्हिसलब्लोएर दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा, सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. बता दें कि समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंडों को नियंत्रित करते थे. हिंडनबर्ग का आरोप है कि इन फंडों का इस्तेमाल धन की हेराफेरी करने और ग्रुप के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया है.

अपनी ताजा रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने कहा है, “आईआईएफएल में एक प्रधान के हस्ताक्षर वाले फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत ‘वेतन’ है और दंपति की कुल संपत्ति एक करोड़ अमेरिकी डॉलर आंकी गई है. दस्तावेजों से पता चलता है कि हजारों मुख्यधारा के प्रतिष्ठित भारतीय म्यूचुअल फंड उत्पादों के होने के बावजूद, एक उद्योग जिसका अब वह विनियमन करने के लिए जिम्मेदार है, सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच और उनके पति के पास अल्प परिसंपत्तियों के साथ एक बहुस्तरीय ऑफशोर फंड संरचना में हिस्सेदारी थी.”

आईने में देखें सेबी चेयरपर्सन- हिंडनबर्ग (Hindenburg Report)

रिपोर्ट (Hindenburg Report) में उच्चतम न्यायाल के उस आदेश का हवाला भी दिया, जिसमें यह कहा गया था कि सेबी इस बात की जांच में खाली हाथ रहा कि अडानी के कथित ऑफशोर शेयरधारकों को किसने वित्तपोषित किया. हिंडनबर्ग ने कहा कि अगर सेबी असल में ऑफशोर फंड धारकों को ढूंढना चाहता था, तो शायद सेबी चेयरपर्सन आईने में देखकर शुरुआत कर सकती थीं. हमें यह आश्चर्यजनक नहीं लगता कि सेबी उस निशान का पीछा नहीं करना चाहता था, जो उसके अपने प्रमुख तक जाता था.

इसमें आगे कहा गया, “मौजूदा सेबी चेयरपर्सन और उनके पति धवल बुच ने उसी अस्पष्ट अपतटीय बरमूडा और मॉरीशस फंड में अपनी हिस्सेदारी छिपाई, जो विनोद अदाणी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक ही जटिल ढांचे में पाए गए थे.”

सेबी चीफ ने दी सफाई

हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सेबी चीफ ने सिरे ने नकार दिया है. सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार को कहा कि 10 अगस्त को आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और इनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और फाइनेंस खुली किताब की तरह है। हमें जो भी खुलासे करने की जरूरत थी, वो सारी जानकारियां बीते सालों में सेबी को दी गई हैं. हमें किसी भी फाइनेंशियल डॉक्युमेंट का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जिसमें वो दस्तावेज भी शामिल हैं, जो उस अवधि से संबंधित हैं जब हम पूरी तरह से आम नागरिक थे.

बता दें कि इसके पहले जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अडानी समूह शेयरों में गड़बड़ी कर रहा है. हालांकि समूह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया था. पर इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी. हालांकि बाद में समूह ने इससे रिकवरी कर ली.


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