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Congress on Parliament Session: आज राज्यसभा में काफी हंगामा हुआ. विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. इसके बाद राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आज राज्यसभा में जो भी हुआ, वह अप्रत्याशित था. उन्होनें कहा कि तमाम विपक्षी पार्टियों को लगा कि सभापति महोदय का रवैया पक्षपातपूर्ण है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सदन के अंदर विपक्ष की आवाज नहीं गूंजेगी तो लोकतंत्र कैसे चलेगा.
क्या बोले अजय माकन? (Congress)
कांग्रेस नेता अजय माकन ने पीसी में कहा कि राज्यसभा एक मापदंड तय करता है कि सभी सदनों को किस तरह से चलाया जाए. ऐसे में वहां पर सभापति को किसी भी पक्ष का साथ नहीं देना चाहिए. अगर सदन के अंदर विपक्ष की आवाज नहीं गूंजेगी तो लोकतंत्र कैसे चलेगा.
अजय माकन ने विनेश फोगाट को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि विनेश के साथ जो हुआ वो गलत हुआ है. विनेश के रूप में हमारे देश ने एक गोल्ड खोया है. इस मामले में कई गलतियां सीधी-सीधी नज़र आती है। जैसे- 53 KG के खिलाड़ी के साथ मुकाबला क्यों नहीं कराया गया? WFI सस्पेंड हुआ, ऐसे में उसके कार्यकारी अध्यक्ष को पेरिस जाने की इजाजत कैसे मिल गई? स्पोर्ट्स बॉडी के मनमुटाव को क्यों नहीं ठीक किया गया? भारत सरकार अगर इसमें राजनीति करेगी तो हम मिलने वाले मेडल भी गंवा देंगे.
प्रमोद तिवारी ने कही ये बात
वहीं राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने इस मुद्दे पर कहा कि संसदीय परंपरा है कि सदन के अंदर नेता प्रतिपक्ष (Congress) और नेता सदन को अपनी बात रखने की प्राथमिकता मिलती है. लेकिन काफी दिनों से ऐसा हो रहा है कि हमारे नेता प्रतिपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं मिलती. उनका माइक बंद कर दिया जाता है. अगर हम देश की जनता के अधिकारों की आवाज सदन में नहीं उठा सकते तो यह लोकतंत्र का हनन है.
हम जनता की आवाज उठाते रहेंगे- प्रमोदी तिवारी (Congress)
प्रमोद तिवारी ने आगे कहा कि BJP के सदस्य घनश्याम तिवाड़ी ने नेता प्रतिपक्ष के लिए जिन शब्दों का चयन किया, वो अच्छे नहीं थे. ना भाव-भंगिमा अच्छी थी और ना ही टोन अच्छी थी. यह अपमानजनक और अस्वीकारित है. इस पर नेता प्रतिपक्ष द्वारा एक विशेषाधिकार हनन की नोटिस दी गई थी. इस मामले में कहा गया कि तिवाड़ी ने चैंबर में कहा था कि जो कुछ गलत हुआ, उसके लिए माफी मांगने को तैयार हूं. हम यह चाहते थे कि तिवाड़ी जी यही बात सदन में कह दें.
उन्होंने आगे कहा, “जया बच्चन जी द्वारा मुद्दा उठाने के बाद सरकार द्वारा निंदा प्रस्ताव लाया गया. हम लोकतांत्रिक तरीके से जनता की आवाज उठाते रहेंगे, लेकिन सरकार जो निंदा प्रस्ताव लाई है, वो दिखाता है कि इनका रवैया तानाशाही भरा है.”
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