सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate)

सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate)

Share this news :

Supriya Shrinate on Hindenburg Report: अडानी घोटाले को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक नया और बहुत बड़ा खुलासा किया है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि सेबी अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति की अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। कांग्रेस प्रवक्ता और सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं।

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर क्या बोलीं सुप्रिया श्रीनेत?

सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने कहा कि अडानी महाघोटाला सामने आया, ऑफशोर फंडिंग, स्टॉक मैन्युपुलेशन के आरोप लगे। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि कैसे ऑफशोर फंडिंग से स्टॉक मैन्युपुलेशन होता था और राउंड ट्रिपिंग की जाती थी। इन मामलों की जांच SEBI को सौंपी गई, क्योंकि मार्केट को रेगुलेट करने का काम SEBI करता है।

उन्होंने कहा कि लेकिन अब हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट से पता चला है कि SEBI चीफ माधबी बुच और उनके पति धवल बुच उन्हीं बरमूडा/मॉरीशस फंड में निवेश कर रहे थे, जिनके साथ गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का संबंध था। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि माधबी बुच का अडानी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड में निवेश था। माधबी बुच ने SEBI चीफ बनने पर अपनी शेयर होल्डिंग अपने पति धवल बुच को ट्रांसफर कर दी।

रिपोर्ट के मुताबिक:

  • माधबी बुच और धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में IPE प्लस फंड 1 के साथ खाता खोला था।
  • ये IPE प्लस फंड 1, अडानी समूह के एक डायरेक्टर ने IIFL के माध्यम से खोला था।
  • IIFL की ओर से एक घोषणा में उनके Investment Source को सैलरी बताया गया है और उनकी कुल संपत्ति 10 मिलियन डॉलर आंकी गई।

‘रिपोर्ट में 2 अहम किरदार’

कांग्रेस प्रवक्ता (Supriya Shrinate) ने आगे कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच के अलावा Agora और Blackstone का जिक्र है। ये दोनों अहम किरदार है।

रिपोर्ट के अनुसार:

  • अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक, जब माधबी बुच SEBI में होलटाइम मेंबर और चेयरपर्सन थीं, तब उनके पास एक ऑफशोर सिंगापुरी कंसल्टिंग फर्म में 100% हिस्सेदारी थी, जिसे Agora partners कहा जाता था।
  • मार्च 2022 में, SEBI चेयरपर्सन बनने पर उन्होंने अपने शेयर पति धवल बुच को ट्रांसफर कर दिए थे।
  • Agora partners कंपनी साल 2013 को सिंगापुर में रजिस्टर्ड हुई थी।
  • SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच के पास वर्तमान में Agora Advisory नाम की कंपनी में 99% हिस्सेदारी है। माधबी के पति धवल बुच ही इसके डायरेक्टर हैं।

‘2022 में Agora ने 2,61,000 डॉलर का रेवेन्यू कमाया’

सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने साल 2022 में, Agora ने 2,61,000 डॉलर का रेवेन्यू कमाया था, जो SEBI चीफ माधबी बुच की सैलरी का करीब साढ़े 4 गुना है। श्रीनेत ने Blackstone को लेकर भी कई बातों का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि आजकल SEBI रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) की खूब पैरवी करता है।

  • माधबी बुच जी ने सार्वजनिक तौर पर REITs को अपना ‘फेवरेट इनवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट’ बताया है।
  • हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में SEBI चीफ पर Blackstone जैसी कंपनियों को रेगुलेटरी बूस्ट देने के आरोप लगाए हैं।
  • हिंडनबर्ग का कहना है कि माधबी के SEBI चीफ रहते हुए उनके पति धवल बुच Blackstone के सीनियर एडवाइजर बन गए।
  • Blackstone भारत में रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) का एक बड़ा प्लेयर है।
  • हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि नियम-कानून ऐसे बदले गए, जिससे सारा फायदा REITs को हो रहा था और REITs में सबसे बड़ा प्लेयर Blackstone था, जिसमें SEBI चीफ के पति सीनियर एडवाइजर थे।
  • हिंडनबर्ग का आरोप है- क्या माधबी बुच जी ने ये सब कहते हुए यह जिक्र किया था कि उनके पति Blackstone से जुड़े हैं, जो REITs में सबसे बड़ा प्लेयर है।

2 दिन पहले ब्लैकस्टोन ने उठाया कदम- सुप्रिया श्रीनेत

सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने कहा कि दो दिन पहले जब ये चर्चा हो रही थी कि हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने वाली है, तभी Blackstone ने एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने नेक्सस सिलेक्ट ट्रस्ट में 33 करोड़ यूनिट 4,550 करोड़ रुपये में बेच दिए। सवाल है- क्या यहां आपदा से पहले फायदा बनाया जा रहा था? उन्होने दूसरा सवाल किया कि क्या अडानी महाघोटाले की जांच इसलिए नहीं हो रही थी, क्योंकि जिसे जांच करनी थी, वो खुद इस मामले में शामिल थी।

सुप्रीम कोर्ट बार-बार निवेश की जानकारी मांगता था, SEBI बार-बार आनाकानी करता था। SEBI ने तो कह दिया था कि हमें कुछ मिल ही नहीं रहा है। ये मिनिमम लेवल पर पारदर्शिता को तार-तार करता है और मैक्सिमम लेवल पर सबसे बड़ी ‘Criminal conspiracy’ है।

श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने आगे कहा कि इस पूरे खुलासे ने SEBI चीफ, देश की सरकार और प्रधानमंत्री की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परम मित्र को बचाने के लिए बड़ी साजिश रची गई है। यहां दाल में कुछ काला नहीं है, बल्कि पूरी दाल ही काली है। नाम SEBI, अडानी, माधबी बुच और Blackstone का आ रहा है, लेकिन पता नहीं BJP क्यों बचाव में आ गई है? पिछले दस साल में अप्रत्याशित रूप से दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और विपक्ष पर कानून का इस्तेमाल हुआ है, लेकिन देश के धन्ना सेठों पर इन कानूनों का कोई प्रभाव नहीं है।


Also Read-

आखिर मोदी अडानी की जांच के लिए JPC क्यों नहीं बना रहे, हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर बोली कांग्रेस

मोदी राज में 6.7 मिलियन बच्चों को पूरे दिन नहीं मिलता भोजन, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *