WPI inflation
Table of Contents
WPI inflation: आम आदमी को एक बार फिर महंगाई का झटका लगा है. दरअसल, थोक महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 1.84 फीसदी पर आ गयी है. सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर 1.31 फीसदी दर थी, जो कि सितंबर में बढ़कर 1.84 फीसदी हो गई है. वहीं पिछले साल अगस्त महीने में ये 1.13 फीसदी थी, जबकि सितंबर में 0.26 फीसदी रही थी. खाने पीने की चीजों खासकर सब्जियों के महंगे होने कारण यह बढ़ी है.
खाने-पीने की चीजें हुई महंगी (WPI inflation)
बता दें कि खाने पीने के सामान सितंबर महीने में महंगे हुए हैं और इनकी मंगाई दर 9 फीसदी के पार निकल गई है. सितंबर में थोक खाद्य महंगाई दर 9.47 फीसदी हो गई है. वहीं अगस्त में थोक खाद्य महंगाई दर 3.26 फीसदी थी. यानी महीने में थोक खाद्य महंगाई (WPI inflation) दर में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. इसका मुख्य कारण सब्जियों की बढ़ी कीमतें रही हैं. सितंबर में सब्जियों की महंगाई दर 48.73 फीसदी थी, जो अगस्त में 10.01 फीसदी थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सितंबर 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, मोटर वाहनों के निर्माण, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों, मशीनरी और उपकरणों के निर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है.”
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने थोक महंगाई दर (WPI inflation) की बढ़ोतरी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस ने कहा, ‘महंगाई मैन’ मोदी का कहर. एक बार फिर से थोक महंगाई दर बढ़ गई है. रोजमर्रा से लेकर खाने-पीने की चीजों में बेतहाशा महंगाई दर्ज हुई है-
- आलू की महंगाई: 78.13%
- प्याज की महंगाई: 78.82%
- सब्जियों की महंगाई: 48.73%
- फूड आर्टिकल्स की महंगाई: 11.53%
- प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई: 6.59%
Also Read-
बहराइच हिंसा का जिम्मेदार कौन, प्रियंका गांधी ने जताई चिंता, सपा ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
मोदी राज में 6.7 मिलियन बच्चों को पूरे दिन नहीं मिलता भोजन, रिपोर्ट में हुआ खुलासा