Mahakumbh
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Mahakumbh 2025, खास इसलिए है क्योंकि 144 साल बाद ये हुआ है और फिर 144 साल बाद ही आयोजित किया जाएगा. जब ये बात योगी सरकार जानती थी तो फिर व्यवस्थाएं तगड़ी क्यों नहीं की? लगातार महाकुंभ 2025 से खराब व्यवस्थाओं की खबर सामने आती रही है, पर योगी सरकार आंखें मूंद चुकी है.
योगी सरकार और मोदी सरकार ने मिलकर Mahakumbh में लोगों के आवागमन के लिए सबसे आसान व्यवस्था रेल व्यवस्था की हालत खराब कर दी है. एक तरफ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कहते हैं कि महाकुंभ में रेल व्यवस्था एकदम चौकस है. वहीं दूसरी तरफ से कई ऐसे मामलात सामने आ जाते हैं, जिससे पता चल ही जाता है कि महाशय ने लोगों के लिए कैसी व्यवस्था कर रखी है.
Mahakumbh में स्नान के लिए ट्रेनों के शीशे तोड़े जा रहे
बिहार के मधुबनी में, जहां मोदी सरकार की Mahakumbh के लिए खराब व्यवस्था से गुस्साए लोगों ने ट्रेन के एसी कोच के शीशे को ही तोड़ दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. यह सरासर रेल मंत्रालय की विफलता है कि जब यात्रियों की संख्या अधिक हो रही है तो स्पेशल ट्रेन क्यूँ नहीं चलाई जा रही है?
बात ये है कि जिन्होंने पहले से ही ट्रेन में सीटें बुक कर रखी थी, वे बाहर हैं और अंदर में बिना रिजर्वेशन वाले भर गए, जिन्होंने अंदर से गेट ही बंद कर दिया. तो गुस्साए लोग बाहर खड़े होकर अपना गुस्सा निकाल रहे थे. ऐसा कहा जा रहा है कि मधुबनी स्टेशन पर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के AC कोचेज के शीशे तोड़े गए हैं. क्या कहेंगे इसपर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव? Mahakumbh में रेलवे की लापरवाही तो फिर से उजागर हो ही गई है. लेकिन रेल मंत्री जी रील बनाने में व्यस्त हैं.
Mahakumbh के लिए नहीं चल पाई जरूरत के हिसाब से ट्रेनें
देखिए गुस्सा जितना भी हो, उसे निकालने का एक तरीका होता है. पर किसी सरकारी चीजों को तोड़ना बिलकुल गलत है. बात तो ये भी है ना कि क्या करें लोग? वो कैसे जाएं Mahakumbh में? 3-300 किलोमीटर का जाम सड़क पर, ट्रेनों में आलू-टमाटर की तरफ भरे लोग, क्या करें वे? ये जिम्मेदारी तो योगी सरकार और मोदी सरकार की थी ना. जब वे जानते थे कि करोड़ों लोग आने वाले हैं तो उन्होंने ऐसी व्यवस्थाएं क्यों नहीं की जिससे लोग परेशान नहीं होते.
हर दिन Mahakumbh में नहाने वालों की भीड़ बढ़ी है. लगातार ऐसे वीडियोज सामने आते रहे हैं, जिससे आपको डर लगने लगेगा कि क्या इतनी भीड़ है रेलवे स्टेशनों पर. रेलवे के प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की जगह नहीं है. AC कोच की हालत जनरल डिब्बे से भी बदतर हो चुकी है. प्रशासन लगातार तैयारियों के दावे करता रहा, लेकिन हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं.
एक सच जरूर है कि Mahakumbh के लिए योगी सरकार और मोदी सरकार ने व्यवस्थाओं के नाम पर सिर्फ बातें हांकी है, किया कुछ नहीं है. सारे दावे धकोसलों में तब्दील हो चुके हैं. पोस्टरबाजी और नारेबाजी के अलावा महाकुंभ के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया है. हां किया है लेकिन सिर्फ वीआईपियों के लिए.
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