Rahul Gandhi: नेता विपक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता हर दिन बढ़ती जा रही है. सड़क से लेकर संसद तक अपने संघर्ष के दम पर राहुल गांधी सुर्खियां बटोर रहे हैं. यही वजह है कि लोग अब उन्हें ‘जननायक’ के नाम से पुकारने लगे हैं. हालांकि राहुल गांधी को महज एक दिन में जननायक की उपाधि नहीं मिली. इस पहचान के लिए राहुल गांधी ने वर्षों तक तप किया. लगातार लोगों के बीच गए, उनके दुख सुख में शामिल हुए. सर्दी, गर्मी, बरसात- हर एक मौसम में अपना खून पसीना बहाया.
इस बात की बानगी है, हाल ही में संपन्न हुई ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’. जिसके जरिए राहुल गांधी देश के हर राज्य में पैदल गए. लोगों से मिल उन्होंने उनकी समस्याएं सुनी. गरीबों से मिलकर उनका दुख समझना. राहुल गांधी ने अपने इन कामों से अपनी एक अलग पहचान बनाई है. यही कारण है कि जनता ने उन्हें जननायक की उपाधि दी.
जन-जन तक पहुंचे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी कभी रेहड़ी -पटरी वालों से मिलने पहुंच जाते हैं, उनके काम में उनका हाथ बंटाते हैं. तो कभी चाय बेचने वाले की टपरी पर पहुंचकर उसकी परेशानियां सुनने लगते हैं. अपने कार्यों और दृष्टिकोण से उन्होंने जनता का दिल जीतने का काम किया है.
जनता की आवाज बने
यही नहीं, राहुल गांधी ने जनता की आवाज को भी उठाने का काम किया है. पेपर लीक, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाकर उन्होंने युवाओं का समर्थन हासिल किया. इसके अलावा किसानों के हक के लिए भी उन्होंने जमकर लड़ाई लड़ी. किसान आंदोलन के दौरान जब मोदी सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही थी और उनके रास्ते पर कांटे बिछाए थे, उस वक्त राहुल गांधी किसानों के लिए आवाज उठा रहे थे.
जहां कोई नहीं जाता, वहां राहुल जाते हैं
राहुल गांधी बिना अपनी जान की परवाह किए उस वक्त मणिपुर पहुंचे, जब देश के प्रधानमंत्री भी वहां जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे. मणिपुर में हिंसा के बीच राहुल गांधी ने पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी मदद की. हाथरस में भी हालिया दुर्घटना के बाद अभी तक कोई नेता उन पीड़ितों का दुख सुनने नहीं पहुंचा है. लेकिन राहुल गांधी वहां गए और एक एक परिवार से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाया. राहुल गांधी से मिलने के बाद पीड़ित परिवारों का कहना था कि उनसे मिलने पर राहुल गांधी के आंखों में आंसू थे. राहुल गांधी न सिर्फ उनका दुख सुने बल्कि उन्होंने उसे महसूस भी किया. ऐसा सिर्फ एक जननायक ही कर सकता है.
भाजपा ने की छवि धूमिल करने की कोशिश
राहुल गांधी का यह सफर आसान नहीं था. भाजपा आईटी सेल ने उनकी छवि को खराब करने के लिए लाखों प्रयास किए. कभी राहुल गांधी के भाषण को आधा-अधूरा वायरल करवाकर तो कभी उनके बारे में फेक न्यूज फैलाकर, बीजेपी ने राहुल गांधी को नीचा दिखाने के लिए भरसक प्रयास किए. लेकिन राहुल गांधी ने अपनी सूझ-बूझ से बीजेपी की सारी साजिशें नाकाम कर दी. बीजेपी के नफरती गुंडों ने जितनी बार राहुल गांधी पर हमला किया, राहुल गांधी ने उतनी बार मोहब्बत से उन्हें जवाब देकर मिशाल पेश की.
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