दिल्ली और लखनऊ की लड़ाई में नहीं बचेगी CM Yogi Adityanath की गद्दी

दिल्ली और लखनऊ की लड़ाई में नहीं बचेगी CM Yogi Adityanath की गद्दी

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इस वक्त यूपी की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है. इस भूचाल ने CM Yogi Adityanath की परेशानी बढ़ा दी है. अब जो मामला चल रहा है सीएम योगी के साथ वह किसी बड़े राजनीतिक फेरबदल का हिस्सा लग रहा है. यह लड़ाई अब दिल्ली बनाम उत्तर प्रदेश की ज्यादा लग रही है. क्योंकि मौजूदा वक्त में आशीष पटेल सीएम योगी के सबसे बड़े धुर विरोधी हैं. आशीष पटेल बीजेपी के वह नेता और योगी कैबिनेट के वह मंत्री हैं जो योगी राज में अफसरशाही के बेलगाम होने के आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी नेता आशीष पटेल की मानें तो वह इससे पीड़ित हैं. वे लगातार अपनी आवाज़ सीएय योगी के खिलाफ बुलंद कर रहे हैं. पटेल का मानना है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार लोगों के साथ नहीं, बेलगाम अफसरशाही के साथ खड़ी है.

आशीष पटेल ने लगाए CM Yogi Adityanath पर गंभीर आरोप

फिलहाल सीएम योगी और उनके प्रशासन के खिलाफ पटेल ने जितने आरोप लगाए हैं, उसने कई सवाल पैदा कर दिए हैं. जैसे, क्या आशीष पटेल यूपी बीजेपी के फेवरेट हो चुके हैं? क्या यूपी बीजेपी के नेता दबी जुबान में पटेल की तारीफ कर रहे हैं? क्या आशीष पटेल को यूपी बीजेपी का मौन समर्थन है? और सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या CM Yogi Adityanath दिल्ली में बैठे अपने आलाकमान की नजरों में चुभ रहे हैं, क्योंकि लगता तो यही है.

इस बात को अगर ना भी मानें तो भी यूपी की राजनीति इसी ओर इशारा कर रही है. बात ये है कि अभी तक किसी बीजेपी नेता या फिर योगी के मंत्रीगण आशीष को समझाने, सलाह देने या फिर शांत कराने की कोशिश नहीं की है. ये योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली के खिलाफ यूपी बीजेपी के भीतर घुमड़ रहे गुस्से, हताशा और निराशा का स्पष्ट प्रतीक है. ये भी कह सकते हैं कि दिल्ली को सीएम योगी की राजनीति पसंद नहीं आ रही. दिल्ली वालों को डर है कि उत्तर प्रदेश उनका तख्तापलट ही ना कर दे. खैर, अब बात करते हैं आशीष पटेल की…

सूचना विभाग और CM Yogi Adityanath पर आशीष पटेल का आरोप

यूपी की राजनीति में आशीष पटेल इस वक्त वो चेहरा हैं जो बीजेपी के सहयोगी के बावजूद सिर्फ अपने बयानों से योगी सरकार की ईंट से ईंट बजा दिए हैं. पटेल ने खुलकर योगी सरकार के सूचना निदेशक शिशिर सिंह, मीडिया सलाहकार मृत्युंजय सिंह और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश पर हमला बोल दिया है. पटेल ने CM Yogi Adityanath के अधीन सूचना विभाग पर बेहद गंभीर इल्जाम लगाया है. उन्होंने कहा है कि यह विभाग 1700 करोड़ के भारी भरकम बजट का इस्तेमाल सिर्फ योगी सरकार के मंत्रियों की बेइज्जती करने और उनके मान-सम्मान को दांव पर लगाने के लिए कर रहा है. तभी तो आशीष पटेल ने योगी के एसटीएफ को सीधे तौर पर चुनौती दे दी और कह दिया कि हिम्मत है तो एसटीएफ उनके सीने में गोली मार के दिखाए. आशीष पटेल का विरोधाभास खुलकर सीएम योगी और उनके अधिकारियों के खिलाफ सामने आ रहा है.

CM Yogi Adityanath और उनके अफसरों पर BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर का आरोप

देखिए आशीष पटेल ही एकमात्र ऐसे नेता नहीं हैं, जिनका विरोध खुलकर सामने आ रहा है. गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी हैं जो योगी सरकार और उनके अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपनी ही सरकार पर रोज दिन 50 हजार गायों के काटे जाने का आरोप लगाया है. साथ ही अपनी हत्या को लेकर भी चिंता जताई है. गुर्जर का कहना है कि योगी सरकार के प्रशासनिक अधिकारी उनकी हत्या कर सकते हैं… इसके लिए 9 एमएम कैलिबर की 25 पिस्तौलें खरीदी जा चुकी हैं.

नंदकिशोर CM Yogi Adityanath की सरकार पर रोजाना 50,000 गायों के काटे जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी गायों के लिए दिए गए फंड को हड़प रहे हैं. इस कारनामे के लिए नंदकिशोर ने चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह पर आरोप लगाया है. उन्होंने उच्च अधिकारियों पर सीएम योगी के आदेशों का पालन नहीं करने का भी आरोप लगाया है. नंदकिशोर गुर्जर को अपनी ही सरकार के लोगों के हाथों मारे जाने का डर सता रहा है तो उन्होंने भी योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा.

गुर्जर ने कहा है कि अगर किसी और की सरकार होती तो वे अभी तक में सीएम के घर में भूसा भर देते. गुर्जर का गुस्सा इसलिए भी जायज है कि वह खुद अपनी ही पार्टी की महामंत्री की रिपोर्ट दर्ज नहीं करा पा रहे थे. गाजियाबाद से महामंत्री जो हैं, वो महिला हैं. वह अपने साथ हुई छेड़छाड़ की शिकायत को लेकर पुलिस के दरवाजे पर घूमती रहीं पर किसी ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की.

CM Yogi Adityanath की कार्यशैली पर आरोप ही आरोप

आशीष पटेल और नंदकिशोर गुर्जर के साथ-साथ और भी कई बीजेपी नेता हैं, जो योगी सरकार के खिलाफ आजकल खुलकर बोल रहे हैं. यूपी के जौनपुर में बदलापुर से बीजेपी के विधायक रमेश मिश्रा, जो लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद योगी सरकार की इसी बेलगाम शैली पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर हालात नहीं सुधरे तो आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी (BJP) का जीतना मुश्किल होगा. रमेश मिश्रा गए तो थे योगी के खिलाफ, लेकिन उन्हें तुरंत सजा मिल गई. मिश्रा का सिक्योरिटी तुरंत घटा दी गई. ऐसे ही एक और विधायक हैं योगेश वर्मा.

थप्पड़ कांड के शिकार योगेश वर्मा लखीमपुर खीरी से बीजेपी के विधायक हैं. जिन्हें अवधेश सिंह ने चलते-फिरते जोर से थप्पड़ जड़ दिया था, लेकिन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं थी. बाद में जब संगठन ने अवधेश सिंह और उनकी पत्नी को पार्टी से बाहर निकाला तब जाकर CM Yogi Adityanath की सरकार की नींद खुली थे, नहीं तो 6 दिनों तक वर्मा को थप्पड़ मारने वाले अवधेश सिंह के खिलाफ कहीं रिपोर्ट दर्ज नहीं हो पाई थी. योगेश वर्मा थप्पड़ कांड से इतने आहत हो गए थे कि उन्होंने विधानसभा आने से मना कर दिया था और कहा था कि “वह किस मुंह से विधानसभा आएं? उन्हें शर्म आती है”

दिल्ली और लखनऊ में किसकी होगी जीत?

देखिए, ऐसा लग रहा है कि अब यूपी में बड़ा बदलाव होने वाला है. तभी तो CM Yogi Adityanath के खिलाफ इतनी प्लानिंग-प्लॉटिंग हो रही है. योगी आदित्यनाथ की लड़ाई सीधे दिल्ली से है. इस लड़ाई में अब योगी कमजोर पड़ते दिख रहे हैं. बीजेपी और संगठन से जुड़े नेताओं को योगी पसंद नहीं आ रहे हैं.

उन्हें आशीष पटेल का अंदाज पसंद आ रहा है. संगठन और पार्टी योगी के खिलाफ खुलकर तो नहीं बोल रहे हैं, लेकिन सभी का मानना एक ही है कि उन्हें यूपी में योगी नहीं चाहिए. सीएम योगी अपनों के बीच ही फंस चुके हैं. उनके अपने लोग ही अब उनके खिलाफ हो रहे हैं. दिल्लीवालों ने तो साथ छोड़ ही दिया है, या फिर यूं कहें कि उनके खिलाफ ये सारी व्यवस्थाएं दिल्ली से ही की जा रही है.

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