Kejriwal Fraud

Kejriwal Fraud

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Kejriwal Fraud: आम आदमी की जिंदगी बदलने आए थे केजरीवाल, लेकिन जब सीएम की कुर्सी मिली तो सारा पैसा खुद की जिंदगी बदलने में झोंक दी. जनता के पैसों से केजरीवाल ने अपने लिए शीशमहल बनाया. इसमें करोड़ों रुपए खर्च हुए. 96 लाख के पर्दे, 39 लाख का किचेन का सामान, 20 लाख की टीवी, 18 लाख का ट्रेडमिल और जिम का सामान, 16 लाख का कारपेट, 5 लाख का मिनीबार जैसी शानो-शौकत वाली चीजों पर केजरीवाल ने जनता का खूब पैसा खर्च किया.

शीशमहल में 13 लाख रुपये के बेड और सोफे हैं. सीएम आवास में 24 सोफा, 76 टेबल और 45 कुर्सियां लगाई गई हैं, इसके अलावा 50 एसी लगवाए गए हैं. ये ऐसी किचन, बाथरूम, जिम जैसी सभी जगहों पर लगे हैं. और ये सब किया गया जनता के मेहनत से कमाए गए पैसों से.

बदले में दिल्ली की जनता को मुफ्त पानी, बिजली और पता नहीं क्या क्या देने का वादा किया. उन्हें पूरा कितना किया ये तो आज सभी को पता है. गरीबों को मुफ्त पानी के नाम पर काला जहर भिजवाया जा रहा है, जिसे अगर पी लिया गया तो हजार तरह की बीमारियां हो जाएंगे. गरीब आज पानी की एक एक बूंद के लिए तरस रहा है.और केजरीवाल 15 करोड़ के वॉटर सिस्टम का लुत्फ उठा रहे हैं. दिल्ली में जगह जगह खुले में नाले बह रहे हैं. उनसे लोगों का जीना बेहाल हो रहा है.

यमुना की हालत को बद्तर है ही. यमुना पर झाग की इतनी मोटी परत जम गई है, जिसके आस पास जाने से भी दम घुटने लगता है. बात करें मुफ्त बिजली की तो आज कई घर ऐसे हैं, जिनके यहां 15-15 हजार बिजली बिल आ रहे हैं. मुफ्त बिजली सिर्फ एक छलावा था. दिल्ली की जनता से बिजली के बिल के नाम पर जबरन कई गुना ज्यादा वसूली हो रही है.

भ्रष्टाचारी निकले केजरीवाल (Kejriwal Fraud)


अब आते हैं केजरीवाल (Kejriwal Fraud) के घोटालों पर. ये जनाब जो भ्रष्टाचार के खिलाफ गाना गाते हुए सरकार में आए थे, ये आज सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी नेता बन चुके हैं. शराब घोटाला, जासूसी घोटाला, पैनिक बटन घोटाला, राशन कार्ड घोटाला, अस्पताल निर्माण घोटाला, मोहल्ला क्लिनिक घोटाला, शीशमहल घोटाला, नकली दवाईयों का घोटाला,लैब एक्स-रे घोटाला, बस खरीदी में घोटाला, जैसे न जाने कितने घोटाले केजरीवाल के नाम हैं. दिल्ली में केजरीवाल के भ्रष्टाचार की ये सूची बहुत लंबी है.इन्हीं घोटालों के चक्कर में ये जेल भी गए . साथ में इनके कई मंत्रियों ने भी जेल का दर्शन किया.

अब आप ही बताइए, इतने बड़े घोटालेबाज को कौन वोट देगा.अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को साफ करने के लिए अब ये इंटरनेट पर पौडकॉस्ट कर रहे हैं. हर दूसरे दिन किसी ने किसी यूट्यूबर के साथ इनका पौडकॉस्ट सामने आ जा रहा है. और इनमें सवाल कैसे रह रहे हैं. वही जो इनकी पार्टी यूट्यूबर्स को लिखकर भेज रही है. अभी तक के एक भी पौडकॉस्ट में किसी ने केजरीवाल से वो सवाल नहीं किया जिसमें वो फंस सकते थे.

कुल मिलाकर इस सो कॉल्ड आम नेता ने अपनी इमेज सुधारने के लिए सारे दांव पेंच खेल दिए हैं. अब ये इमेज सुधारने में क्यों लगे हुए हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव सिर पर है. चुनाव के डेट का आज ऐलान हो चुका है.

कांग्रेस बनी बड़ी चुनौती

आप के सामने इस बार कांग्रेस सबसे बड़ी चुनौती है. मैदान में बीजेपी भी है, लेकिन मजबूती के मामले में कांग्रेस इस बार सबसे आगे है.चुनाव सिर पर देखते ही बीजेपी और आम आदमी पार्टी योजनाओं की बातें कर रहे हैं. पीएम मोदी और केजरीवाल दोनों ही लगातार परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं. लेकिन दिल्ली की जनता भी कम नहीं है, वो भी सब देख और समझ रही है. उन्हें भी समझ आ रहा है कि जब पिछले 11 वर्षों में बीजेपी और आम आदमी पार्टी (Kejriwal Fraud) ने कुछ नही किया है, सिर्फ एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का गेम खेला है, तो ये आने वाले समय में भी कुछ नहीं कर पाएगी.

दिल्ली में जो काम हुए हैं, सब कांग्रेस सरकार के टाइम के हुए हैं. चाहे वो दिल्ली मेट्रो हो,,फ्लाइओवर हो, सड़क हो, डीटीसी बस सेवा, अस्पताल या यूनिवर्सिटी हो .दिल्ली को विकसित करने का सारा काम कांग्रेस सरकार में ही हुआ है. आज दिल्ली जिस रिंग रोड के लिए जाना जाता है, उसको आकार देने में सबसे बड़ी भूमिका कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार की रही है. कांग्रेस सरकार के दौरान ही रिंग रोड के ढांचे को आकार और उसे विस्तार दिया गया.

केजरीवाल के सामने मुश्किलें

बता दें कि इस बार केजरीवाल के सामने दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित हैं.नई दिल्ली सीट से दोनों आमने सामने हैं. ऐसे में केजरीवाल (Kejriwal Fraud) की हार निश्चित मानी जा रही है. अब रह गईं अतिशी. ये कालकाजी सीट से चुनाव लड़ रही हैं. यहां इनके सामने कांग्रेस से अलका लांबा मैदान में हैं, जो कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं. कई सालों से मैदान में उतरकर काम कर रही हैं. वहीं बीजेपी ने इस सीट पर अपने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है.

वही रमेश बिधूड़ी जो ये नहीं जानता कि महिलाओं का सम्मान कैसे किया जाता है. रमेश बिधूड़ी ने चुनाव से पहले महिलाओं को लेकर जो अंट शंट बयान दे दिए हैं, इससे उसकी हार तय मानी जा रही है.

तो मैदान में बचे अतिशी और अलका लांबा. आम आदमी पार्टी जो प्रचार कर रही वो सिर्फ केजरीवाल के चेहरे पर हो रहा है. यानी आम आदमी पार्टी को अपनी अतिशी पर कुछ खास भरोसा है नहीं. ऐसे में जब खुद की पार्टी को ही अतिशी पर भरोसा नहीं है, तो जनता क्या खाक भरोसा करेगी. कुल मिलाकर कांग्रेस इस बार के चुनाव में बहुत मजबूती से उतर रही है. उसके सामने आप और बीजेपी दोनों ही फीके पड़ गए हैं. अब देखना होगा चुनाव के नतीजे क्या आते हैं.


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