Sagar Wall Collapse
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Sagar Wall Collapse: मध्य प्रदेश के सागर (Sagar Wall Collapse) जिले शाहपुर के हरदौल गांव में एक दर्दनाक हादसा हो गया है. यहां भागवत कथा के लिए शिवलिंग के निर्माण के दौरान दीवार गिर गई. जिसकी चपेट में बच्चे आ गए. दीवार गिरने से 9 बच्चों के मौत हो गई है, जब की कई बच्चे घायल हो गए. वहीं, इस हादसे को लेकर कांग्रेस पार्टी ने दुख जताया है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- ऐसी लापरवाही दुर्भाग्यपूर्ण
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “मध्य प्रदेश के सागर (Sagar Wall Collapse) में भारी बारिश से दीवार गिरने के कारण 9 बच्चों की मृत्यु का समाचार बेहद हृदयविदारक है. कई लोग घायल भी हुए हैं. शोकाकुल परिवारों को हमारी ओर से गहरी संवेदनाएं व हम घायल पीड़ितों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते है. सरकार व प्रशासन से आग्रह है कि त्वरित मुआवजा दिया जाए और भारी बारिश व ख़राब मौसम से ऐसी घटनाएं आगे ना हो, उसके लिए उचित कदम उठाए जाए. ऐसी लापरवाही दुर्भाग्यपूर्ण है.”
कांग्रेस पार्टी ने जताया दुख
वहीं, इस हादसे को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “मध्य प्रदेश के सागर (Sagar Wall Collapse) में भारी बारिश से दीवार गिरने के कारण 9 बच्चों की मृत्यु की खबर बेहद पीड़ादायक है. इस हादसे में कई लोग घायल भी हुए हैं. कांग्रेस परिवार की संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और घायलों को जल्द स्वास्थ्य लाभ दें.”
स्थानीय निवासियों से मिली जानकारी के मुताबिक, यहां सावन महीने में शिवलिंग निर्माण और भागवत कथा का आयोजन चल रहा हैं. इसके शामिल होने के लिए सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं. रविवार को छुट्टी होने के कारण शिवलिंग बनाने के लिए बड़ी संख्या में बच्चे भी आए हुए थे. इसी दौरान यहां बच्चों के ऊपर 50 साल पुराने मकान की दीवार गिर गई.
अस्पताल में डॉक्टर नहीं (Sagar Wall Collapse)
सागर (Sagar Wall Collapse) में हुई भारी बारिश के कारण इस मकान की दीवार कमजोर हो गई, जिसके कारण यह ढह गई और बड़ा हादसा हो गया. दीवार की चपेट में आने से 9 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने घायलों को शाहपुर अस्पताल ले गए, लेकिन वहां एक भी डॉक्टर नहीं मिला. अस्पताल में डॉक्टर न मिले की वजह से लोगों ने नाराजगी भी जताई है.
स्थानीय लोगों का कहा है कि जो डॉक्टर हैं, वे कभी-कभार ही अस्पताल आते हैं और कागजों पर हस्ताक्षर करके चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि जब बच्चों को अस्पताल लाया गया, तो उन्हें पट्टी बांधने वाला भी कोई नहीं था.
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