Mallikarjun Kharge

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Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार (9 जुलाई) बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भले ही बेरोजगारी पर सिटिग्रुप जैसी स्वतंत्र आर्थिक रिपोर्टों को नकार रही हो, पर सरकारी आँकड़ों को कैसे नकारेगी. सच ये है कि पिछले 10 साल में करोड़ों युवाओं के सपनों को चकनाचूर करने की ज़िम्मेदार केवल मोदी सरकार है.

खड़गे ने बेरोजगारी के आंकड़े गिनवाते हुए कहा कि NSSO के अनिगमित क्षेत्र उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण (ASUSE)के मुताबिक, वर्ष 2015 से 2023 के बीच विनिर्माण क्षेत्र में अनिगमित (Unincorporated) इकाइयों में 7 वर्षों में 54 लाख नौकरियाँ खत्म हो गई हैं. 2010-11 में पूरे भारत में 10.8 करोड़ कर्मचारी अनिगमित गैर-कृषि उद्यमों में कार्यरत थे, जो अब 2022-23 में 10.96 करोड़ हो गए है, यानि 12 वर्षों में केवल 16 लाख की मामूली वृद्धि.

शहरी बेरोजगारी दर 6.7% पर पहुंची

उन्होंने आगे कहा कि ताज़ा आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) सर्वे के अनुसार, शहरी बेरोजगारी दर 6.7% पर है. मोदी सरकार EPFO का डाटा दिखाकर औपचारिक इकाइयों में रोज़गार सृजन का ढ़ोल पीटती है, पर अगर हम वो डाटा सच भी मान लें तो भी 2023 में उसमें नई नौकरियों में 10% की गिरावट देखी गई है. IIM लखनऊ की एक रिपोर्ट सरकारी आँकड़ों के अध्ययन के बाद बताती है कि देश में बेरोजगार वृद्धि, शिक्षितों के बीच उच्च बेरोजगारी, कार्यबल में महिलाओं की कम भागीदारी प्रबल है.

मोदी सरकार स्वतंत्र आर्थिक रिपोर्टों को नकारती है

मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने आगे कहा कि मोदी सरकार स्वतंत्र आर्थिक रिपोर्टों को इसलिए नकारती है क्योंकि वो उनकी लीपापोती को उजागर करती है. उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियां हो, या प्राइवेट सेक्टर, स्वरोज़गार हो या असंगठित क्षेत्र, मोदी सरकार का एक ही मिशन है- युवाओं को बेरोज़गार बनाए रखना.

खड़गे ने आगे कुछ डाटा गिनवाए-

1) CMIE के मुताबिक देश में मौजूदा बेरोज़गारी दर 9.2% पर पहुँच गया है, महिलाओं में बेरोज़गारी दर 18.5% पर है.

2) ILO की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 83% बेरोजगार भारतीय युवा हैं.

3) India Employment Report 2024 के मुताबिक, 2012 और 2019 के बीच क़रीब 7 करोड़ युवा श्रम बल में जुड़े, पर रोजगार में शून्य वृद्धि हुई – केवल 0.01%.

4) Azim Premji University की 2023 रिपोर्ट के मुताबिक देश के 25 वर्ष से कम आयु के 42.3% ग्रेजुएट बेरोजगार हैं.

5) Citigroup की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में सालाना 1.2 करोड़ नौकरियों की ज़रुरत है, और 7% GDP विकास भी हमारे युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं कर पायेगा। मोदी सरकार के तहत देश ने औसतन केवल 5.8% GDP ग्रोथ हासिल की है.


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