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Jairam Ramesh on Caste Census: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार (7 अक्तूबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने सवाल उठाया है कि भारत में दशकीय जनगणना को लेकर क्या हो रहा है. बता दें कि भारत में दशकीय जनगणना साल 2021 में होनी थी, लेकिन अभी तक वह नहीं हुई है. कांग्रेस नेता ने इसी मुद्दे को सोशल मीडिया मंच पर उठाया है.
क्या बोले जयराम रमेश? (Jairam Ramesh)
जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “राजनीतिक परिवर्तन और आर्थिक उथल-पुथल के बीच श्रीलंका ने अभी घोषणा की है कि अपडेटेड जनसंख्या एवं आवास जनगणना आज से शुरू होगी. 2012 में वहां आख़िरी बार जनगणना हुई थी. भारत में इसे लेकर क्या हो रहा है? दशकीय जनगणना 2021 में होनी थी लेकिन अभी भी इसके होने के कोई संकेत नहीं हैं.”
कांग्रेस नेता (Jairam Ramesh) ने आगे कहा कि हम अभी भी 2011 की जनगणना से प्राप्त डेटा का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस वज़ह से 10 करोड़ से अधिक भारतीयों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013/प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित किया जा रहा है.
जाति जनगणना में देरी क्यों?
उन्होंने सवाल किया कि जनगणना में जाति के प्रश्नों को जोड़ने को लेकर क्या विचार है, जैसा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अन्य सभी राजनीतिक दलों द्वारा मांग की जा रही है? अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की विस्तृत गणना 1951 से हर दस साल में होती रही है. अब OBC और अन्य जातियों की भी ऐसी ही विस्तृत गणना की आवश्यकता है. जाति जनगणना के माध्यम से ही शिक्षा और रोज़गार के क्षेत्र में पूरी तरह से सार्थक सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है. नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री जनगणना में देरी क्यों कर रहे हैं, जिसमें जाति आधारित गणना भी होगी?
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