Bihar Politics: लोकसभा चुनाव-2024 के नतीजे आने के बाद ये साफ हो गया अगर एनडीए की सरकार बनती है, तो भी उसके लिए इस गठबंधन की परीक्षा देना आसान नहीं होगा. इसके संकेत भी गुरुवार को तब मिल गए जब बीजेपी नित एनडीए के सहयोगी दल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने मोदी सरकार द्वारा लाई गई योजना के समीक्षा की मांग कर दी. साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और जाति गणगणना जैसे सवालों पर भी अपना रुख साफ कर दिया है.
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा “अग्निपथ योजना के खिलाफ नाराजगी थी और यह चुनाव के दौरान दिखाई दे रही थी.अग्निपथ योजना की समीक्षा की जरूरत है. इस योजना का काफी विरोध हुआ और इसका असर चुनाव में भी देखने को मिला.” वहीं यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसले पर केसी त्यागी ने कहा कि,
अग्निवीर योजना का हुआ था देश भर में विरोध
इसमें भी कुल वार्षिक भर्तियों में से केवल 25% अग्निवीरों को ही स्थायी कमीशन मिलेगा और वो इसके तहत 15 वर्षों तक सेना में नौकरी कर पाएंगे. यूनिफॉर्म सिविल कोड के मामले पर सभी स्टेट होल्डर को साथ लेकर उनके विचारों को समझने की जरूरत है. इस पर नीतीश कुमार विधि आयोग के अध्यक्ष को चिठ्ठी लिख चुके हैं. उन्होंने कहा कि हम यूसीसी की खिलाफत नहीं कर रहे, लेकिन इस पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श होना चाहिए.
वहीं जाति जनगणना को लेकर केसी त्यागी की ओर से कहा गया कि, जाति जनगणना के लिए किसी भी पार्टी ने मना नहीं किया है. बिहार ने रास्ता दिखाया है. पीएम मोदी ने भी इसके विरेध नहीं किया है. जाति जनगणना समय की मांग है, इसलिए हम इसे कराएंगे. बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए ये बात हमारे दिमाग है.
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