18 Lok Sabha First Session: 18वीं लोकसभा का सत्र 24 जून से शुरू हो गया. सोमवार को 18वीं लोकसभा पहला सत्र शुरू होने के साथ ही विपक्ष सरकार को घेरते हुए दिखा. सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने संविधान की किताब लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने सबसे पहले सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली. इसी क्रम में जब बारी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की आई तो विपक्ष की ओर से नारेबाजी शुरू कर दी गई.
18वीं लोकसभा के सत्र का दूसरा दिन आज है. दूसरे दिन भी सांसदों का शपथ ग्रहण जारी है. ऐसे में जैसे ही मणिपुर के सांसदों का नंबर आया सदन में मणिपुर मणिपुर के नारे लगने लगे. वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी अपनी सीट से खड़े हो गए. दरअसल, 2024 के चुनाव में कांग्रेस को मजबूती मिलने की वजह से इस बार सदन में एक मजबूत विपक्ष साथ खड़ा दिख रहा है. कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष की सदन की जिम्मेदारी प्रत्यक्ष तौर पर न सही, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर राहुल गांधी के हाथो में हैं.
राहुल गांधी हुए मजबूत
इस चुनाव में भले कांग्रेस बहुमत से दूर रह गई हो, लेकिन कांग्रेस जिंदा है और वो अब पलट कर आने की हिम्मत रखती है ये संदेश भारतीय जनता पार्टी को अवश्य मिल गया. साथ ही जिस प्रकार से इस चुनाव में राहुल गांधी ने पार्टी के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी निभाई, उसने उन लोगों के मुंह पर भी ताला लगा दिया जो उनकी आलोचना करते थे. इस चुनाव में राहुल गांधी ने खुद को साबित किया. चुनाव के दौरान जनता में राहुल गांधी की अपील दिखी.
राहुल गांधी ने सविंधान, बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की बदहाली समेत कई मुद्दे उठाए. इन सब मुद्दों पर राहुल गांधी को जनता का साथ मिला. कांग्रेस सत्ता में भले न लौटी हो , लेकिन अगर ये कहा जाए कि उसने देश को तानाशाही से बचा लिया तो गलत नहीं होगा.