Vadodara News: गुजरात के वड़ोदरा की एक सोसाइटी में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक मुस्लिम महिला को घर आवंटित किया गया, लेकिन महिला को घर आवंटित होने के बाद सोसाइटी में रहने वाले बाकी लोगों इस बात का विरोध करना शुरू कर दिया. लोग मुस्लिम महिला को दिया गए घर का आवंटन रद्द करने की मांग कर रहे हैं. ये मामला वडोदरा के हरनी स्थित मोटनाथ रेजीडेंसी का है. यहां के निवासियों ने जय श्रीराम के नारे लगाते हुए निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
दरअसल, लोगों ने नगर पालिका द्वारा हिंदू इलाके में मुस्लिम को घर आवंटन का महौल बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगा रहे हैं. इस सोसाइटी में के रहवासियों ने इस संबंध में नगर निगम को ज्ञापन भी सौंपा है. साथ नगर निमम पर कोई कार्रवाई न करने का आरोप भी लगाया है. साथ ही भूख हड़ताल करने की धमकी भी दी है. लोगों ने कहा है कि मुस्लिम महिला को जो आवास दिया गया है उसका आवंटन जल्द से जल्द रद्द किया जाए. लोगों की ओर से यहां अशांत एक्ट लागू होने का भी हवाला दिया गया है.
नगर पालिका ने रखा पक्ष
वहीं इस मामले को लेकर नगर पालिका के अफोर्डेबल हाउसिंग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर नीलेश परमार का पक्ष सामने आया है. इंजीनियर नीलेश परमार की ओर से कहा गया कि साल 2108 में जब इस भवन के दस्तावेज पास किए गए थे, उस समय यहां अशांत एक्ट लागू नहीं था. सरकारी योजनाओं का आवंटन धर्म के आधार पर नहीं किया जाता इसलिए नगर पालिका की कोई जिम्मेदारी नहीं है. वहीं मुस्लिम महिला लोगों के विरोध जताने को लेकर निराश हैं. उनका कहना है कि, वो ऐसे इलाकों में रही हैं जहां सभी संस्कृति को मानने वाले लोग रहते हैं. उन्होंने कहा कि उनका 12 साल का बेटा है वो उसे लेकर अब कहां जाएंगी.वो उसे एक बेहतर महौल उपलब्ध कराना चाहती हैं.
ये है पूरा मामला
बता दें कि, ये पूरा मामला 2017 का है. एक 44 साल की मुस्लिम महिला जो द्यमिता और कौशल विकास मंत्रालय की एक शाखा में कार्यरत थी, उसे मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत यहां एक आवास आवंटित किया गया. ये आवास आवास हरनी में वडोदरा नगर निगम के एलआईजी आवासीय परिसर में है. यहां कुल 462 फ्लैट्स हैं. 461 फ्लैट्स हिंदू परिवार को आवंटित किए गए, जबकि केवल एक मुस्लिम परिवार को. लेकिन जैसे ही यहां के लोगों के इसकी जानकारी मिली, सबने विरोध करना शुरू कर दिया.
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