Ayodhya Land: अयोध्या में राम मंदिर के बनने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही अयोध्या और आसपास के जिले गोंडा और बस्ती के कम से कम 25 गांवों में भूमि लेनदेन की संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ये जमीन राम मंदिर के 15 किलोमीटर के दायरे में आते हैं. इनमें से ज्यादातर जमीनें विभिन्न दलों के राजनेताओं या उनके परिवार के सदस्यों और सरकारी अधिकारियों से करीबी तौर पर जुड़े हुए लोगों ने खरीदे हैं. अयोध्या और उसके आसपास जमीन खरीदने वालों में डिप्टी सीएम से लेकर कई बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.
इन लोगों ने खरीदा जमीन
अरुणाचल के डिप्टी सीएम के दोनों बेटे चौ कान सेंग मीन और आदित्य मीन, भाजपा के पूर्व सासंद बृज भूषण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह, यूपी एसटीएफ प्रमुख एडिशनल डीजीपी अमिताफ यश की मां गीता सिंह, यूपी गृह विभाग के सचिव संजीव गुप्ता (IPS) की पत्नी डॉ. चेतना गुप्ता, यूपी शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक अरविंद कुमार पांडे और उनकी पत्नी ममता, रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर महाबल प्रसाद के बेटे अंशुल, एडिशमल एसपी पलाश बंशल के पिता देशराज बंशल, अमेठी के एसपी अनूप कुमार सिंह से ससुरलानजन शैलेंद्र सिंह और मंजू सिंह, आदि नाम अयोध्या में जमीन के सौदे में शामिल हैं.
पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें-
अडानी ग्रुप ने भी खरीदा जमीन
राजनेताओं के अलावा अडानी समूह से लेकर अभिनंद लोढ़ा हाउस (HOABL) कर्नाटक से लेकर बड़े खरीदारों की एक स्थिर धारा रही है, जिसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में जमीनों का सौदा किया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 5 सालों में अयोध्या और उसके आसपास 1 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की जमीन खरीदने वाली कंपनियां और ट्रस्ट भी शामिल हैं.
अडानी ग्रुप ने पिछले साल 18 सितंबर को होमक्वेस्ट इंफ्रास्पेस नाम की एक सहायक कंपनी बनाई. इस कंपनी ने नवंबर और दिसंबर के बीच मंदिर परिसर से लगभग 6 किलोमीटर दूर माझा जामथारा में 1.4 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि खरीदी. खरीद की कुल कीमत 3.55 करोड़ रुपए है. एक प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने भविश्य के विकास के लिए एक निजी पार्टी से जमीन खरीदी है.
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