NCERT Book Change:नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं कक्षा की पॉलिटिकल साइंस यानि राजनीति विज्ञान की किताब में कई बदलाव किए हैं. किताब से बाबरी मस्जिद, हिंदूत्व की राजनीति, 2002 के गुजरात दंगों और अल्पसंख्यकों से जुड़े कई संदर्भ हटा दिए गए हैं. यह किताब नए एकेडमिक सेशन (2024-25) से लागू हो जाएगी. इस बदलाव को एनसीईआरटी ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर साझा किया.
बता दें कि देश में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ाया जाता है. भारत में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त करीब 30 हजार स्कूल हैं.
बाबरी विध्वंस का संदर्भ हटा
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, किताब के चैप्टर 8 (शीर्षक- ‘भारतीय राजनीति: नए अध्याय) से “अयोध्या विध्वंस” का संदर्भ हटा दिया गया है. चैप्टर में ‘“राजनीतिक मोबिलाइजेशन के लिए राम जन्मभूमि आंदोलन और अयोध्या विध्वंस (बाबरी मस्जिद विध्वंस) की लेगेसी क्या है?”, इसे बदलकर ‘राम जन्मभूमि आंदोलन की विरासत क्या है?’ कर दिया गया है. एनसीईआरटी का कहना है कि नए बदलावों के साथ समन्वय बिठाने कि लिए ऐसा किया गया है.
इसके अलावा चैप्टर 8 से ‘हिंदुत्व की राजनीति’ के संदर्भ को भी हटा दिया गया है. किताब में आगे संवैधानिक पीठ के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का भी जिक्र है. एनसीईआरटी ने इसपर कहा है कि राजनीति में हुए हालिया बदलावों को देखते हुए ऐसा किया गया है.
‘हिंदुत्व की राजनीति’ का जिक्र भी हटाया गया
चैप्टर में पहले पैराग्राफ में लिखा था- “कई घटनाओं के नतीजे के रूप में दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे (जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था) को गिराया गया. यह घटना देश की राजनीति में कई बदलावों की शुरुआत का प्रतीक बनी और भारतीय राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता की प्रकृति को लेकर बहस तेज हो गई. इसी के साथ देश में बीजेपी का उदय हुआ और ‘हिंदुत्व’ की राजनीति तेज हुई.”
वहीं अब इसे बदलकर लिखा गया है- “अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर पर सदियों पुराने कानूनी और राजनीतिक विवाद ने भारत की राजनीति को प्रभावित करना शुरू कर दिया जिसने कई राजनीतिक परिवर्तनों को जन्म दिया. राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन, केंद्रीय मुद्दा बन गया, जिसने धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर चर्चा की दिशा बदल दी. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले (9 नवंबर, 2019 को घोषित) के बाद इन बदलावों का नतीजा ये हुआ कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ.”
मुसलमान समुदाय के जिक्र में बदवाल
एनसीईआरटी (NCERT Book Change) ने किताब के 5वें चैप्टर ‘लोकतांत्रिक अधिकार’ में भी ऐसे ही बदलाव किए गए हैं. चैप्टर से गुजरात दंगों का संदर्भ भी हटा दिया है. उसका कहना है कि ये घटना 20 साल पुरानी है और न्यायिक प्रक्रिया के जरिए इसे सुलझा लिया गया है.
इसके अलावा किताब में कुछ जगहों पर मुस्लिस समुदाय का जिक्र था, इसमें भी बदलाव किया गया है. एनसीईआरटी ने चैप्टर 5 में ‘अंडरस्टैंडिंग मार्जिनलाइजेशन’ से मुसलमानों को विकास के लाभों से “वंचित” करने से जुड़ा संदर्भ हटा दिया है.
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