World Inequality Report: देश की संपत्ति का 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ऊंची जाति यानी सामान्य वर्ग के लोगों के पास है. जबकि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के पास सिर्फ 2.6 प्रतिशत हिस्सा है. वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब की ओर से बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ साझा की गई रिसर्च से यह जानकारी सामने आई है. यह आंकड़े साल 2022 तक के हैं.
दरअसल, यही बात हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में नेता विपक्ष राहुल गांधी सार्वजनिक मंचों से दोहरा रहे थे. राहुल गांधी ने अपनी अधिकांश चुनावी रैलियों में दावा किया था कि हिंदुस्तान में अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती जा रही है, जो देश के लिए चिंता का विषय है. अब एक बार फिर कांग्रेस ने इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया है.
बढ़ रही अमीरों और गरीबों के बीच खाई
अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा है, ” हिंदुस्तान में अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार बढ़ती जा रही है. अमीर.. और अमीर होते जा रहे हैं, वहीं गरीब.. और गरीब होते जा रहे हैं.”
वर्ल्ड इनइक्वेलिटी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस ने लिखा है कि देश की आधी आबादी यानी करीब 70 करोड़ लोग सिर्फ 5,930 रुपये महीना कमा रहे है. वहीं, देश के टॉप 1% लोग यानी करीब 1.4 करोड़ लोग 4,41,666 रुपये महीना कमा रहे हैं. नरेंद्र मोदी अमीरों की सरकार चला रहे हैं और अमीरों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियां ही बना रहे हैं. “
कांग्रेस ने आगे पीएम मोदी को घेरते हुए कहा है कि वे कभी महंगाई बढ़ाकर गरीबों को लूटते हैं, तो कभी नोटबंदी और गलत GST लगाकर छोटे दुकानदारों को बर्बाद कर देते हैं. अमीरों के लाखों-करोड़ों रुपयों का कर्ज माफ हो जाता है, लेकिन गरीबों को महज कुछ हजार के कर्ज के लिए खुदकुशी करनी पड़ती है. साफ है कि मोदी सरकार गरीबों की जेब से पैसा छीनकर अमीरों की तिजोरी भर रही है. गरीबों को गरीब और अमीरों को और अमीर कर रही है.
इस पोस्ट के साथ कांग्रेस ने जो एनिमेटेड तस्वीर साझा की है, उसमें एक गरीब व्यक्ति, जिसके बदन पर नाम मात्र के फटे-पुराने कपड़े हैं. वह घुटनों के बल बैठा हुआ दिख रहा है. वहीं, गरीब व्यक्ति की पीठ पर प्रधानमंत्री मोदी जैसा दिखने वाले एक व्यक्ति नजर आ रहा है. जिसने कंधे पर गौतम अडानी जैसा दिखने वाला व्यक्ति बैठा हुआ है.
राहुल गांधी की बात निकली सच
गौरतलब है कि नेता विपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि देश में अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो आर्थिक सर्वे कराया जाएगा और इसके जरिए यह पता लगाया जाएगा कि देश के संसाधनों पर किस जाति-समुदाय का कितना हक है.
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