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Congress on India-China Tension: चीन ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थानों के 30 नए नामों की सूची जारी की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी नाम चीनी अक्षरों में लिखे गए हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो वह घर मेरा थोड़े हो जाएगा?

विपक्ष ने किया विरोध

कांग्रेस पार्टी (Congress on India-China Tension) ने चीन की इस हरकत पर अपना विरोध जताया. साथ ही मोदी सरकार को सवालों के घेरे में लिया. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इतनी कमजोर और लचीली प्रतिक्रिया भारत सरकार और उसके विदेश मंत्री को शोभा नहीं देती. उन्होंने कहा कि जो लोग बुलंद आवाज में कच्चातिवु द्वीप की बात करते हैं, वे चीन का नाम लेने से भी डरते हैं.

मोदी सरकार ने नहीं दी प्रतिक्रिया

मनीष तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “आज लगभग 4 साल हो गए जब चीन की फौज ने भारत की सीमा में घुसपैठ की, लेकिन मोदी सरकार की कोई प्रतिक्रया नहीं आई. जनवरी 2023 में तत्कालीन SSP ने एक रिसर्च पेपर में लिखित रुप से कहा था कि नियंत्रण रेखा के ऊपर 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट पर हम नहीं जा पाते. इस बारे में मोदी सरकार की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया.”

इंदिरा गांधी पर बोले मनीष तिवारी

सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि जो लोग कच्चातिवु की बात करते हैं, वो ये भूल जाते हैं कि 1971 में इंदिरा गांधी जी ने दुनिया का भूगोल बदल दिया था. न वे अमेरिका से डरीं, न उसके सातवें बेड़े से डरीं और न पश्चिमी देशों की सरकारों से डरीं. पूर्वी पाकिस्तान की जनता जिस प्रताड़ना को झेल रही थी, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने जनता को उस पीड़ा से बाहर निकाला था.

बीजेपी से पूछे ये सवाल

मनीष तिवारी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि मैं BJP से कहना चाहता हूं कि अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए ऐसे मुद्दे न लाएं, जिससे हिंदुस्तान की सामरिक साख कमजोर हो. उन्होंने कहा कि हमारे बीजेपी से दो सवाल हैं. भारत की कितनी जमीन मई, 2020 के बाद से चीन के नियंत्रण में है और मोदी सरकार ने उस जमीन को खाली क्यों नहीं कराया?


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