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BHU Ganga Research Centre Shutdown: बीएचयू ने गंगा शोध केंद्र को बंद करने का फैसला लिया है. गंगा की सफाई से जुड़े शोध केंद्र को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बंद कराया जा रहा है. यानी अब गंगा परियोजना से जुड़े शोध अध्ययन नहीं हो पाएंगे. बता दें कि 21 अप्रैल 2015 को बीएचयू एक्सक्यूटिव काउंसिल ने इस शोध अध्ययन केंद्र को मंजूरी दी थी. शोध केंद्र में जहां गंगा नदी से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट पर शोध अध्ययन कार्य किया जा रहा था. विश्वविद्यालय के इस फैसले के बाद इस शोध केंद्र से जुड़े तकरीबन 500 से अधिक गंगा सेवा मित्र अब बेरोजगार हो गए हैं.
शोध केंद्र बंद होने से नाराज हुए छात्र (BHU Ganga Research Centre)
इस शोध केंद्र (BHU Ganga Research Centre) को बंद किए जाने के विश्वविद्यालय के फैसले से छात्रों में नाराजगी है. छात्रों ने विवि प्रशासन पर आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन सिर्फ आर्थिक हानि लाभ के आधार पर इस शोध केंद्र को बंद कर रहा है. छात्रों ने कहा कि विवि को पता था कि इस केंद्र के माध्यम से उसे कोई भी आर्थिक लाभ नहीं हो रहा है, इसलिए फैसला लिया गया है. परिसर में मौजूद अन्य शोध छात्रों ने नाराजगी जाहिर कर तंज कसते हुए कहा कि प्रशासन के अनुसार तो विश्वविद्यालय के सभी केंद्र को बंद करके यहां पर कंपनी लगा देनी चाहिए.
कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा
कांग्रेस ने इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. विपक्षी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “नरेंद्र मोदी का एक और कारनामा. वाराणसी में गंगा पर शोध के लिए BHU में एक रिसर्च सेंटर (BHU Ganga Research Centre) चलता था. इस सेंटर का काम गंगा की सफाई और उससे जुड़ी रिसर्च करना था. अब खबर है कि इस रिसर्च सेंटर को बंद कर दिया गया है. नरेंद्र मोदी ने मां गंगा की सफाई की सौगंध खाई थी, कहा था कि 2022 तक गंगा को साफ कर दूंगा.”
कांग्रेस ने आगे कहा कि ये बात भी जुमला निकली. मां गंगा तो साफ न हो सकीं, लेकिन उस पर रिसर्च करने वाले सेंटर को ही साफ कर दिया गया.
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