Modi Government

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Modi Government को निकम्मी सरकार कहें या फिर तानाशाही सरकार कहें या फिर जुमलेबाज सरकार कहें या फिर लापरवाह सरकार कहें. पता नहीं इन्हें कितने नाम दिए जाएं. क्योंकि इन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास तक नहीं है.

तभी तो ना तो इनके पास महाकुंभ में मची भगदड़ से हुई मौतों के आंकड़े हैं और नाही मोदी सरकार के लोग इस मामले पर कुछ बोल पाते हैं. जब हांकना था कि इतने लोग कुंभ में स्नान किए हैं, तो इनके पास ठीक-ठाक डेटा था.

महाकुंभ में हुई मौतें के आंकड़े मांगी थी कांग्रेस

पर जब कांग्रेस के नेताओं ने गृह मंत्रालय से सवाल किया कि क्या आप कुंभ मेले में हताहत हुए लोगों की संख्या बता सकते हैं. तो मोदी सरकार ने जवाब दिया कि हमारे पास तो इसका जवाब ही नहीं है. क्योंकि ये सब तो राज्य सरकार के अधीन है. राज्य सरकार ही ये बात बता सकती है.

मतलब समझ ही नहीं आता है कि कांग्रेस के सवाल पर Modi Government ने जो जवाब दिया है वो सरकार के निकम्मेपन को दर्शा रही है या फिर ये सरकार की मासूमियत है. क्योंकि देश का गृह मंत्रालय तो पूरे देश का है ना. फिर भी इस तरह की बचकानी बातें.

हवावाजी करने के लिए सरकार के पास मौजूद हैं डेटा

Modi Government के पास तो हवावाजी करने के लिए एकदम पक्का वाला डेटा है. लेकिन आप इनसे काम की बात कर लीजिए तो इनकी हवावाजी कहीं और से निकलने लगती है. इनके पास जवाब नहीं होता है. बकरी की तरह मिमियाने लगते हैं. मोदी सरकार के मंत्रियों की हालत टाइट हो जाती है.

हां इनके पास इस बात की जानकारी जरूर है कि पूर्ण महाकुंभ, जो जनवरी-फरवरी 2025 में आयोजित किया गया था, वह 144 साल के बाद हुआ है. इनके पास 66 करोड़ लोगों के डेटा उपलब्ध हैं, कि कुंभ में इतने करोड़ लोगों ने स्नान किया है. पर इनसे आप कुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ से हुई मौतों के आंकड़े पूछ लीजिए तो ये अपनी ही राज्य सरकार पर दोषारोपण करने में लग जाते हैं. मतलब ऐसे चल रही है मोदी सरकार.

असल मुद्दों को लेकर चुप हो जाती है Modi Government

हालांकि Modi Government के पास किसी भी असल मुद्दों पर जवाब नहीं होता है… कुंभ में हुई मौतों के आंकड़ों को छोड़िए. इनसे अगर आप सवाल कर लेंगे कि मणिपुर में 21 महिनों तक मची हिंसा से कितने लोग प्रभावित हुए हैं, कितने लोग अपना घर-मकान-जमीनें छोड़कर कहीं और बसने को मजबूर हैं, तो उसपर भी मोदी सरकार जवाब नहीं दे पाती है.

Modi Government से आप पूछ लीजिए कि फिलहाल देश में बेरोजगारों की संख्या कितनी है, तो इनके मूंह से एक चूं तक नहीं निकल पाता है. और चिचियाने लगेंगे कि इसने तो देशविरोधी बातें कर दी, ये देशद्रोही है, इसको जेल में डालो, ये देश के विकास में रूकावट बन रहा है, इसको रास्ते से हटाओ. अरररे देश में विकास कहां हो रहा है. मोदी सरकार में तो देश बदहाली की स्थिती में पहुंच गई है.

तो क्यों सरकार में है BJP?

ये भी छोड़िए, कुछ दिन पिछे जाते हैं, लॉकडाउन के समय में. Modi Government से पूछ कर देखिए कि लॉकडाउन में कितने मजदूर अपने परिवार को छोड़कर भगवान की शरण में चले गए. ये भी जवाब नहीं दे पाएंगे ये. नोटबंदी से कितनी मौंतें हुईं. नहीं बता पाएगी मोदी सरकार. किसानों के आंदोलन में मोदी सरकार की लापरवाही से कितने लोग मरे. पूछ कर देखिए. और हम आपको बताते हैं. नहीं देंगे ये आपको एक भी बातों का आंकड़ा.

ये डरते हैं. इन्हें डर लगता है कि कहीं जनता को इनके कुकर्मों के बारे में पता ना चल जाए. और अगर इनके पास किसी भी बात का डेटा है ही नहीं. किसी भी समस्या का समाधान है ही नहीं. एक भी आंकड़े इनके पास हैं ही नहीं. तो क्या सरकार में बैठकर भांगड़ा डांस कर रहे हैं. क्या नागिन डांस की जा रही है पीएम की गद्दी पर बैठकर.


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