Aurangzeb की कब्र ने तोड़ डाला NDA गठबंधन!

Aurangzeb की कब्र ने तोड़ डाला NDA गठबंधन!

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Aurangzeb: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर उपजे बवाल के बीच NDA गठबंधन में फूट पड़ती दिख रही है. भाजपा नागपुर हिंसा के बाद अलग- थलक होती दिख रही है. क्योंकि Aurangzeb की कब्र का विवाद BJP के गले का फ़ांस बन गया है. अब भाजपा को यह बात नहीं समझ आ रही है कि वह इसे मुद्दे को उगले कैसे और इसे निगले कैसे? क्योंकि BJP ना ही इसे निगल पा रही है और ना ही अलग पा रही है.

Aurangzeb के पक्ष में आए BJP के सहयोगी

BJP की इस कसमस की स्थिति के बीच गैर तो गैर, अब अपने भी आंख दिखा रहे हैं. BJP के सहयोगी दल ही Aurangzeb विवाद पर सवाल उठा रहे हैं. भाजपा के साथी ही अब उसे आंख दिखा रहे हैं. पहले नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने इस मामले से खुद को किनारे किया है. जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा है कि किसी की कब्र के साथ छेड़छाड़ करना हमारी परंपरा नहीं रही है. हम गड़े मुर्दे उखाड़ने में विश्वास नहीं करते.

अजित पवार ने सुनाई खरी खोटी!

उधर, अजीत पवार की पार्टी एनसीपी ने भी इस मामले पर BJP को खरी खोटी सुना दी है. एनसीपी विधायक अमोल मिटकरी ने कहा है कि भाजपाई केवल हिंदुओं को उकसाने की राजनीति करते हैं. BJP नेता जान बुझ का नफरत फैलाते हैं. इनके खुद के बेटे विदेशों में ऐश करते हैं लेकिन ये भाजपा के लोग देश में आग लगाते है. गरीबों को इन्हीं सब में उलझाते हैं.

एनसीपी विधायक ने BJP विधायक टी राजा सिंह को चैलेंज करते हुए कहा है कि अगर हिम्मत है, तो वे खुद अपने बेटे के साथ फावड़ा लेकर Aurangzeb की कब्र तोड़ने जाएं. लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे. क्योंकि उन्हें सिर्फ आग लगाने से मतलब है. अब एनसीपी नेता के इस बयान से साफ़ है कि अजित पवार की पार्टी  Aurangzeb की कब्र बचाने के पक्ष में आ गई है.  और BJP को खुली चुनौती दे रही है.

RSS को और किया नाराज

बता दें कि RSS भी BJP की हरकतों से पहले से ही नाराज है. ऐसे में मौके को देखते हुए RSS ने भी BJP का निशाना साध दिया है और स्पष्ट कह दिया है कि समाज में किसी भी तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं है. Aurangzeb आज के समय में प्रासंगिक नहीं है.

संघ के इस बयान के बाद BJP के ही सहयोगी दलों ने भी सवाल उठाना शुरू कर दिया.खैर संघ और BJP के बीच लम्बे समय से घमासान जारी है. तमाम कोशिशों के बाद भी भाजपा और संघ के बीच मामला मैनेज नहीं हो पा रहा है. इसी में संघ ने एक बार फिर BJP को आड़े हाथों ले लिया है. इससे पहले संघ और भाजपा के बीच BJP पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर मामला फंसा हुआ है.

दरअसल, RSS चाहता है कि कोई ऐसा आदमी पार्टी अध्यक्ष बने जिसकी नीयत RSS की पद्धति और नीति पर चलने की हो. ऐसे में RSS योगी आदित्यनाथ को कुर्सी पर बैठना चाहता है. जबकि मोदी-शाह की जोड़ी चाहती है कि कुर्सी पर फिर से कोई जेपी नड्डा जैसा बैठे जो उनके इशारों पर चले. और  मोदी-शाह इस बात से भली भाति वाकिफ हैं कि योगी अगर पार्टी अध्यक्ष बन गए तो उसकी एक नहीं चलने वाली है.

BJP और संघ में पड़ी फूट

ऐसे में संघ और BJP के बीच सिर फुटव्वल का दौर जारी है. इस बीच संघ ने महाराष्ट्र में भी Aurangzeb विवाद से खुद को अलग कर लिया है.  तो अब आप समझ गए होंगे कि भारतीय जनता पार्टी पर कितना बड़ा संकट आ गया है.  एक तरफ Aurangzeb की कब्र के मुद्दे पर देवेन्द्र फडणवीस की सरकार खतरे में पड़ ही गई. तो दूसरी NDA गठबंधन भी बिखरता नजर आ रहा है.

इन सब के बीच RSS भड़का हुआ है. और इन सब में  NDA बिखर गया तो आप समझ सकते है कि पीएम मोदी के साथ क्या होगा.क्योंकि वे पहले से ही बैसाखी के सहारे सरकार चला रहे हैं. ऐसे में अगर कोई सहयोगी पार्टी मोदी का साथ छोटी है तो वे तुरंत अर्श से फर्श पर आ जायेंगे.


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