Terrorist Attack
Terrorist Attack: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हर आम व खास चुनाव में आतंकवाद और नक्सलवाद को समाप्त करने की बात करती आई हैं यहां तक की लोकसभा चुनाव 2024 के भाजपा के घोषणा पत्र में आतंकवाद को समाप्त करने की बात कही थी. लेकिन धरातल पर लगातार आतंकवाद की घटनाएं बढ़ती जा रही है. भाजपा के केंद्र में तीसरी बार सरकार बनते ही आतंकवादियों ने रियासी जिले में एक श्रद्धालुओं की बस पर हमला कर दिया था. जिसमें 9 लोग मारे गए और 41 घायल हो गए थे. तक से लेकर आज तक जम्मू कश्मीर में ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं.
मोदी के शपथ लेने के बाद 9 आतंकी हमले
नरेंद्र मोदी ने 9 जून को देश प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ ली थी. तक से 9 आतंकी हमले (Terrorist Attack) हो चुके हैं. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठी है. वहीं, पिछले एक साल से मणिपुर जल रहा है. लोग राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर है. विपक्ष लगातार मणिपुर को लेकर सवाल उठा रहे हैं. यहां तक कि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी और कई विपक्षी नेताओं ने मणिपुर का दौरा किया. लेकिन पीएम मोदी एक बार भी पीड़ितों से नहीं मिलें.
चुनाव से पहले अमित शाह ने किया था वादा
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव-प्रचार के के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के हुब्बल्ली शहर में कहा था, “नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बना दो, दो साल में आतंकवाद और नक्सलवाद समाप्त कर देंगे. एक तरफ देश को सुरक्षित हाथों में ले जाने वाले मोदी है और दूसरी तरफ बम धमाके कराने वाली कांग्रेस हैं. निर्णय आपको करना है.” इसके अलावा छत्तीसगढ़ के कांकेर शहर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था, “नरेंद्र मोदी जी ने देश से आतंकवाद का सफाया कर दिया है, जबकि नक्सलवाद खत्म होने के कगार पर है. महादेव ऐप ब्रांड भूपेश बघेल सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.”
सरकार का दावा निकला झूठा
हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के एक महीने बाद भी घाटी में ताबड़तोड़ आतंकी हमले (Terrorist Attack) हो रहे हैं. देश के जवान व आम लोग मारे जा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जब जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं तो सरकार कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? सरकार का कहना है कि धारा 370 हटाने के बाद घाटी में शांति बहाल हुई है. लेकिन वह शांति धरातल में कहीं नहीं दिखती. दिखती है तो केवल सरकार और भाजपा के मंत्रियों के जुबां पर.
सोमवार की रात जम्मू-कश्मीर में फिर आतंकी हमला (Terrorist Attack) हुआ. डोडा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना के एक अधिकारी समेत सेना के चार जवानों शहीद हो गए. जिसको लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने जवानों की शहादत पर दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में 4 जवानों की शहादत पर पूरा देश दुखी है और एकजुटता से आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है. लेकिन लगातार बढ़ते आतंकवादी हमले गंभीर सवाल खड़े करते हैं. क्या देश के राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका सिर्फ इतनी होनी चाहिए कि हर शहादत पर दुख जताकर मौन हो जाएं?’
उन्होंने आगे लिखा, ‘पिछले 78 दिन में जम्मू-कश्मीर में 11 आतंकवादी हमले हो चुके हैं. इन हमलों में सेना और पुलिस के 13 जवान शहीद हुए. 9 जून को एक यात्री बस पर हुए हमले में 9 श्रद्धालु मारे गए. ये हमले और हमारे सैनिकों की शहादतें रोकने के लिए सरकार कूटनीतिक-रणनीतिक मोर्चे पर क्या उपाय कर रही है? कभी नोटबंदी, कभी अनुच्छेद 370 के बहाने आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के फर्जी दावे की कीमत हमारे जवान अपनी जान देकर चुका रहे हैं. हम कब तक अपने शहीदों की लाशें गिनते रहेंगे?’
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