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Rahul Gandhi Meets Farmer Leaders: विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi Meets Farmer Leaders) ने लोकसभा में किसान नेताओं से मुलाकात की. किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेतृत्व में देशभर से 12 किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल संसद में राहुल गांधी से मिलने उनके ऑफिस पहुंचा.
कांग्रेस ने कही थी MSP की कानूनी गारंटी देने की बात
किसान नेताओं से मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi Meets Farmer Leaders) ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में MSP की कानूनी गारंटी देने की बात कही थी. हमने आकलन किया है, ये बिल्कुल किया जा सकता है. इस बारे में हमने किसान नेताओं के साथ बैठक की.हमने तय किया है कि INDIA गठबंधन के नेताओं से चर्चा कर, हम सरकार पर MSP की कानूनी गारंटी के लिए दबाव बनाएंगे.”
किसानों नहीं आने दिया जा रहा था संसद के अंदर
राहुल गांधी (Rahul Gandhi Meets Farmer Leaders) ने कहा, “बैठक से पहले असमंजस की स्थिति थी क्योंकि किसान अंदर नहीं गए. हमने उन्हें आमंत्रित किया था लेकिन वे हमें संसद के अंदर नहीं जाने दे रहे हैं. वे किसान हैं, शायद यही कारण है. आपको इसका कारण प्रधानमंत्री से पूछना होगा.”
गौरतलब है कि फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर किसान आज विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi Meets Farmer Leaders) से मिलना चाहते थे. राहुल गांधी ने किसान नेताओं को बकायदे आमंत्रित भी किया था. किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल राहुल गांधी से मिलने संसद पहुंच भी गया था लेकिन संसद के अंदर किसानों के प्रतिनिधिमंडल एंट्री नहीं मिल पाई.
किसानों की आवाज संसद में उठाएंगे नेता प्रतिपक्ष
वहीं, बैठक में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला, धर्मवीर गांधी, डॉ. अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जयप्रकाश भी मौजूद थे. इस दौरान किसान नेताओं ने कहा, “हरियाणा सरकार ने हमारे किसानों के साथ जो अत्याचार किया है, राहुल गांधी (Rahul Gandhi Meets Farmer Leaders) ने वादा किया है कि वो हमारी आवाज बनकर संसद में हमारी बात रखेंगे.”
देश का किसान-मजदूर वर्ग कई वर्षों से आंदोलन के माध्यम से एमएसपी गारंटी कानून की मांग कर रहा है. अगर फसल बेचते समय मूल्य की गारंटी होगी तो किसान खुद उत्पादकता बढ़ा लेगा, लेकिन सरकार एमएसपी को गारंटी कानून का दर्जा नहीं देना चाहती. बदा दें कि किसान संगठनों की योजना स्वामीनाथन आयोग के C2+50 फॉर्मूले पर आधारित है, जिसमें समर्थन मूल्य की गणना करते समय समय लागत और भूमि किराया भी शामिल किया जाता है. सरकार का लक्ष्य कृषि क्षेत्र में भारी गिरावट से किसानों को बचाना है.
फरवरी से ही किसान कर रहे हैं विरोध
मालूम हो कि इससे पहले किसानों ने दिल्ली में 22 जुलाई को दिल्ली किसान मजदूर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था. इसमें किसानों ने अपने संघर्ष को लेकर सारी बात रखी थी. इसके बाद कई पार्टियों के नेताओं ने किसानों से मुलाकात की थी. बता दें कि पंजाब में किसान 13 फरवरी से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान दिल्ली आने की मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि, बॉर्डर बंद होने की वजह से वे आगे नहीं बढ़ पाए हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान भी किसान अपने विरोध पर अड़े रहे. उन्होंने भाजपा नेताओं और उम्मीदवारों के खिलाफ भी प्रदर्शन किया.
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